Thursday, June 24, 2021

Elan Vital - Sumedha Kataria Talks- 1

ऊर्जा अपरिमित श्रृंखला -प्रथम कड़ी


पिछले कुछ अरसे से निरंतर मन में रहा है कि मुझे एनर्जी /ऊर्जा के प्रति जागरूकता के लिए काम करना है. वास्तव में मुझे स्वयं एनर्जी के प्रति जागरूकता ज़िन्दगी के पांच दशक बीतने के बाद हुई, सोचती हूँ यदि यही एनर्जी जागरूकता का एहसास उम्र के फॉर्मटिव फेज़ में हो जाये तो ज़िन्दगी को और बेहतर ढंग से जीया जा सकता है. इसी दृष्टिकोण से आपसे अपने विचार, अपनी सोच सांझा करने के लिए ये पॉडकास्ट सुमेधा कटारिया टॉकस. इसका शीर्षक दिया है एलान विताल (elan vital) जो एक फ्रेंच फरेस है जिसका मतलब है हमारे भीतर निहित सृजन शक्ति जो संवर्धन( ग्रोथ ) और अनुकूलन के लिए इच्छुक है, तैयार है.

शब्दकोष में ऊर्जा के अर्थ खोजते हैँ तो हमें गतिज, स्थितिज ऊर्जा , विद्युत्, ध्वनि, यात्रिक, सौर ऊर्जा इत्यादि इत्यादि अर्थ मिलते हैँ.. मूल अर्थ हमारी कार्य करने कि क्षमता ही ऊर्जा है. मानवीय ऊर्जा कि जब हम बात करते हैँ तो ये हमारे भीतर बिखरी हुई तरंगे हैँ, जीवंत  एलक्टरो मैगनेटिक वेव्स (electro magnetic waves)जिन्हे कंही ची और कंही की कहा जाता है. इन तरंगों का प्रवाह  जितना लचीला , शांत, सरल और सुगम होता है उतना ही हम सही फोकस कर सकते हैँ, अपनी बात को सही से व्यक्त कर सकते हैँ. काबिले गौर बात ये है कि इस अंदरूनी ऊर्जा का प्रवाह शरीर के अलग भागों में खंडित, बाधित या कुंद जाता है ठीक वैसे ही जैसे नदी में जल का प्रवाह किसी चट्टान के आगे आ जाने से बाधित हो जाए.. तो हमारे मूड, एकाग्रता, और स्वास्थ्य कुप्रभावित होता है.. एडवर्सली अफेक्ट होता है, थकान होती है, क्रोध आता है या अन्मयस्क हो जाते हैँ हम. नींद, आराम, भोजन, ध्यान, मनन, पठन, संगीत, कला, साहित्य एनर्जीज की ज़रूरत हैँ चार्जिंग के लिए.

साथियों , इस पॉडकास्ट के माध्यम से आप को साथ ले के इसी दिशा में चलना चाहती हूँ कि आओ मिल कर सोचें, चर्चा करें एक दूजे से सीखें और सांझा करें ऊर्जा अपरिमित जो हम सब में है उस को जानें, और कैसे सही दिशा में उसे लगा कर  अपने लिए बेहतर परिवेश का निर्माण करें. हो सकता है..

गुलशन ना कर सकें जहाँ को
पर कांटे ही कम कर दें, गुज़रे जिधऱ से हम.

शरीरिक एनर्जी.. अभिप्राय बहुत सक्रिय रहने की या बिना थके अत्‍यधिक श्रम करने की क्षमता; पर व्यक्तितव जँहा ऊर्जावान होता है वंहा क्षमता की सीमाएँ ख़त्म हो जाती हैँ बस एक ही चेष्टा रहती है ध्येय कि प्राप्ति, मकसद को पाना, लक्ष्य तक पहुंचना. यानी एनर्जी के साथ ज़रूरी है ध्येय, चिड़िया कि आँख की मानिंद एकाग्रता, फोकस कुछ प्राप्त करने का और मैंने देखा है, महसूस किया है कि जँहा मकसद निजी ना हो कर, केवल अपने हित को ना सोच कर बड़ा मुकाम, बड़ी सोच, अपने निजपन कि परीधी से बाहर सामाजिक या सामान्य हित का होता है तो उसे पा कर सुख और ख़ुशी कि जो अनुभूति होती है वो अवर्णननीय होती है, शब्दों से परे, अलग ही प्रकार के आनंद की परिचायक.

अध्यापन कार्यकाल में NSS की बच्चियों को फील्ड में काम करते देखा तो पाया क्या ग़ज़ब का फर्क ले आती थीं वो दूसरों की सोच में, धरातल पर और फिर सफई अभियान होता या साक्षरता, कन्टीली झाडियों को सफा करना होता या ग्रीन क्लीन कैंपस में जुटना, ऑय डोनेशन पलेज कैंपेन होता या गरीब बच्चों  के लिए गरम कपडे इकठा करना या किताबें जुटाना... हैरान कर देती थीं मुझे छात्राओं कि एनर्जी. सच, सलाम है मेरे NSS के साथीगण को कि मुझे बहुत होंसला मिला उनसे और कितने ही अभियान चलाने का और हिम्मत मिली हार ना मानने की हिम्मत, जज़्बा हम होन्हे कामयाब का.

पर थोड़ा सोचने कि बात ये भी है कि हम में से कितने लोग परिचित हैँ अपने में छिपी एनर्जी से, और कितने लोग सोचते हैँ अपनी एनर्जी को प्रयोग करने का, उसे दिशा देने का, उस से कुछ ऐसा कर गुजरने का जिस से ख़ुशी मिले अपने होने की सार्थकता प्रतीत हो एक अच्छा नागरिक होने में.  कंही ऐसा तो नहीं कि हम से मिल कर किसी कि एनर्जी कम हो जाए या हमारी अभिव्यक्ति या शब्दों से  नेगेटिविटी पहुंचे दूसरों तक और अगर हमने अपनी पॉजिटिव एनर्जी का ऑडिट करना हो तो हम खुद को 10 में से कितने नंबर देंगे.. सच सच बताना प्लीज, बताएँगे ना?

अब ज़ब कि फाल्गुनी रंग फ़िजाँ में बिखरे हुए हैँ, प्रकृति का स्वभाविक और सुन्दर स्वरुप हरितमा में, हवा की मस्त चाल में, फूलों कि कॉम्पलों में, पत्तों कि थिरकन में मेहसूस कर सकते हैँ ऐसे में एलान विटाल वो अंदरूनी ऊर्जा जो हमें जीवंत बनती है इसी की प्रथम कड़ी है ऊर्जा अपरिमित.. हम में सतत प्रवहशील अपार ऊर्जा जिसे channelise कैसे करें ताकि हम जगरूकता की उच्च अवस्था पे जा सकें और यही नहीं कि एनर्जीज़ को हर परिपेक्षय से जानें बल्कि ये भी सुनिश्चित कर सकें कि हमारी एनर्जीज क्षीन ना हों, हम उर्जित भी रहें, इतना चार्जेड भी कि कोई हम से मिले तो उर्जित चार्जित हो जाये. तो आत्म अंवेशन कि इस यात्रा पे चलना चाहेंगे आप मेरे साथ?

2 comments:

  1. बिल्कुल सही कहा आपने, स्वशक्ति अपार है, उसे जागृत करने के लिए कोई भी कारण बन सकता है, कोई वेद, कोई फूल, कोई विचार या फिर कोई प्रेरक मानव।

    ReplyDelete
  2. So very well defined the importance of 3C in our life… truely motivational.. regard 🙏

    ReplyDelete